
“मम्मी-पापा की आँखों का तारा, दादा-दादी का मैं दुलारा |
गुरुजनों का आदर करता, मित्रों में भी मैं हूँ प्यारा।”
- मैं एक लड़का हूँ। मेरा नाम आशीष है मेरी आयु सात वर्ष है। मैं ……. विद्यालय में तीसरी कक्षा का विद्यार्थी हूँ। मैं नई दिल्ली में रहता हूँ। मेरे पिता जी बैंक में कर्मचारी तथा माता जी अध्यापिका हैं। मेरी एक बड़ी बहन है, जो आठवीं कक्षा में पढ़ती हैं। घर के सभी सदस्य मुझे बहुत प्यार करते हैं। मैं सदा उनका कहना मानता हूँ।Essay in hindi
- मैं प्रतिदिन प्रातः छः बजे उठता हूँ और प्रातः काल के सभी कार्य निपटाकर माँ के साथ मंदिर जाता हूँ। वहाँ से आने के बाद नाश्ता करके विद्यालय जाता हूँ। विद्यालय से लौटकर दोपहर का भोजन करता हूँ और कुछ देर आराम करने के बाद माँ की मदद से विद्यालय का गृहकार्य समाप्त करता हूँ। गृहकार्य समाप्त करके अपने मित्रों के साथ पार्क में जाकर खेलता हूँ। मेरे बहुत सारे मित्र हैं। इन मित्रों में आकाश मेरा सबसे अच्छा मित्र है। हम दोनों विद्यालय साथ-साथ जाते हैं और कक्षा में भी साथ-साथ बैठते हैं। हम दोनों को क्रिकेट खेलना बहुत अच्छा लगता है। मेरी रुचि विशेषकर संगीत में है, इसलिए मुझे गीत गाना बहुत अच्छा लगता है। मैंने विद्यालय में गायन प्रतियोगिताओं में बहुत से पुरस्कार भी जीते हैं।
- मुझे कक्षा में पढ़ाए जाने वाले सभी विषय पसंद हैं, परंत मेरा अत्यंत प्रिय विषय विज्ञान है। मुझे टेलीविजन पर ऐसे कार्यक्रम देखना अच्छा लगता है, जिस पर विज्ञान से संबंधित नई-नई चीजें बताई जाती हों। मैं बड़ा होकर इंजीनियर बनना चाहता हूँ।Essay in hindi
- मेरे दादा जी व दादी जी मुझे बहुत प्यार करते हैं। वे मुझे सदैव ऐसी कहानियाँ सुनाते हैं, जिससे मुझमें धीरज तथा वीरता के गुण आएँ। उनके छोटे-बड़े सभी काम करके मुझे बहुत खुशी मिलती है।
- मेरे माता-पिता मुझ पर बहुत ध्यान देते हैं। वे मेरी प्रत्येक समस्या को ध्यान से सुनते हैं। और उसका उचित समाधान निकालते हैं। ऐसे माता-पिता पाकर मैं स्वयं को धन्य मानता हूँ। उनकी मेहनत और लगन देखकर मैं एक अच्छा इंसान बनना चाहता हूँ। मैं उनकी सभी उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूँगा ।